गांववालों के लिए पहले ही मर चुका है निर्भया का गुनहगार पवन
निर्भया के गुनहगारों में से एक पवन गुप्ता उर्फ कालू का ताल्लुक बस्ती के जगन्नाथपुर गांव से भी है। यहां के लोगों के लिए पवन पहले ही मर चुका है। अब तो उन्हें सिर्फ 20 मार्च 2020 की सुबह 5:30 बजे उसके फांसी पर लटकने का इंतजार है।
पवन का नाम आते ही गांव के ज्यादातर लोगों के चेहरे पर एक गुस्सा आ जाता है। वह उसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। कहते हैं कि पवन की करतूत ने सारे गांव का नाम खराब कर दिया।
जुबान पर उसका नाम लाने में भी शर्म महसूस होती है। 16 दिसंबर 2012 को जब दिल्ली में चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस जघन्य वारदात ने सारे देश को आंदोलित कर दिया था। पवन, अपने दोस्तों के साथ पकड़ा गया। आरोप लगा कि इन दरिंदों ने निर्भया और उसके साथी को बुरी तरह मारापीटा। ऐसी वहशियाना हरकत की जिसकी उम्मीद किसी भी सभ्य समाज में नहीं की सकती। निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद दोनों को मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया।
गांव के लोग नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि जब तक पवन जिंदा है तब तक शर्मिंदगी का यह एहसास कम नहीं होगा। उसने जो अपराध किया है उसके लिए फांसी से कम कोई सजा हो भी नहीं सकती थी। पवन के परिवार के लोग दिल्ली के आरकेपुरम रविदास कैंप में रहते हैं। दो भाइयों और दो बहनों में सबसे बड़ा पवन दुकान पर बैठने के अलावा स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। उसके पिता ने गांव के पास महादेवा चौराहे के पास जमीन लेकर मकान बनवाना शुरू किया था लेकिन निर्भया कांड में पवन का नाम आने के बाद मकान का निर्माण रुक गया।